शनिदेव की पूजा आरती shanidev ji ki arti lyrics ll मानव जीवन को पापमुक्त करने वाली शनिदेव भगवान की पावन आरती
शनि देव जी की आरती लिरिक्स
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है शनिवार के दिन शनि देव की पूजा आराधना करने से मानव जीवन में खुशियां आती हैं यदि किसी के ऊपर साढ़ेसाती चल रही है साढ़ेसाती ढैया है तो वह शनिदेव की पूजा उपासना करें
इससे साढ़ेसाती का दुष्प्रभाव कम होता है और मानव जीवन से सभी विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं शनि देव की व्रत कथा करने के बाद आरती जरूर करनी चाहिए इस लेख में मैं आपको शनिदेव जी आरती का लिरिक्स लिख रही हूं
आप सभी लोग आनंद पूर्वक पढ़ें।
शनिदेव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव....
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव....
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव....
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव....
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
शनि देव की जय…जय जय शनि देव महाराज…शनि देव की जय!!!
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